Divay_kashi
Friday, 9 December 2016
बनारसी ठाट
गलतियों से जुदा तु भी नही मैं भी नहीं,दोनों इंसान हैं, ख़ुदा तु भी नहीं मै भी नहीं।"तू मुझे और मैं तूझे इल्ज़ाम देते है" मगरअपने अंदर झांकता तु भी नहीं मैं भी नहीं।गलतफहमियों ने करदी पैदा दूरियां, वरनाफितरत का बुरा तु भी नहीं मैं भी नहीं ।
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