Divay_kashi
Sunday, 21 February 2016
हम तेरे पीछे-पीछे
हम तेरे पीछे-पीछे फिरते रहते बनारस की गलिया
एक लब्ज अब तू भी बोल मै भी बोलू
खिलखिला उठे सारे फूल सारी कलिया ||
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